सीएम आदित्यनाथ ने शहर की मेट्रो प्रणाली के लिए प्रोटोटाइप ट्रेन की शुरुआत की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने आज कानपुर और आगरा मेट्रो की प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन का गोरखपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनावरण किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेट्रो जैसा सुरक्षित और आरामदायक पब्लिक ट्रांसपोर्ट आज की आवश्यकता है। आज हमारे लिए उल्लास का क्षण है।
प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इण्डिया’ तथा ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत इस मेट्रो ट्रेन का निर्माण पूर्णतया देश में ही किया गया है।
30 नवंबर से पहले होगा शुभारंभ
सीएम ने कहा कि कोरोना काल खण्ड के दौरान भी उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन निरन्तर कार्य करता रहा। वड़ोदरा के उपक्रम ने कोविड काल की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन को समय से पहले उपलब्ध कराया है।
इससे आगामी 30 नवम्बर के आसपास हम कानपुर और आगरा मेट्रो को देश को समर्पित करने की स्थिति में होंगे। प्रयास होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कर-कमलों से इसका शुभारम्भ कराया जाए।
5 शहरों में मेट्रो के लिए डीपीआर तैयार है
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। प्रदेश के चार शहरों लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल का सफल संचालन किया जा रहा है।
कानपुर और आगरा मेट्रो सिस्टम पर निर्माण के लिए कुछ और स्टेशन बचे हैं। इसके अलावा, पांच अतिरिक्त महत्वपूर्ण शहरों-गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ और झांसी के लिए मेट्रो डीपीआर तैयार या पूरा होने के करीब हैं।
इन शहरों में भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध होगी। सीएम ने आगरा व कानपुर मेट्रो के प्रथम प्रोटोटाइप ट्रेन के वर्चुअल अनावरण के अवसर पर उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव तथा निर्माता कम्पनी मेसर्स एल्सटॉम इंडिया ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक समेत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी।
45 प्रतिशत तक ऊर्जा को रीजेनरेट करेंगे
उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन से उपलब्ध करायी गई जानकारी के अनुसार कानपुर की मेट्रो ट्रेनों में ‘रीजेनरेटिव ब्रेकिंग’ का फ़ीचर होगा।
इसकी मदद से ट्रेनों में लगने वाले ब्रेक्स के माध्यम से 45 प्रतिशत तक ऊर्जा को रीजेनरेट करके फिर से सिस्टम में इस्तेमाल कर लिया जाएगा।
वायु-प्रदूषण को कम करने के लिए इन ट्रेनों में अत्याधुनिक ‘प्रॉपल्शन सिस्टम’ भी मौजूद होगा। जैसे ही ट्रेन में यात्रियों की संख्या बदलती है, सिस्टम का कार्बन-डाइ-ऑक्साइड सेंसर-आधारित एयर कंडीशनिंग सिस्टम यात्रियों को आराम से रखते हुए ऊर्जा बचाने के लिए स्वचालित रूप से समायोजित हो जाता है।
900 से ज्यादा यात्री सफर करेंगे, दिव्यांगजन को मिलेगी खास सहूलियत
ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन को ध्यान में रखते हुए यह ट्रेनें संचारित आधारित ट्रेन नियंत्रण प्रणाली से चलेंगी। कानपुर मेट्रो की ट्रेनों की यात्री क्षमता 974 यात्रियों की होगी।
इन ट्रेनों की डिज़ाइन स्पीड 90 किमी प्रति घंटा और ऑपरेशन स्पीड 80 किमी प्रति घंटा तक होगी। ट्रेन के पहले और आखिरी कोच में दिव्यांगजन की व्हीलचेयर के लिए अलग से जगह होगी।
व्हीलचेयर के स्थान के पास ‘लॉन्ग स्टॉप रिक्वेस्ट बटन’ होगा, जिसे दबाकर दिव्यांगजन ट्रेन ऑपरेटर को अधिक देर तक दरवाज़ा खुला रखने के लिए सूचित कर सकते हैं।
ताकि वे आराम से ट्रेन से उतर सकें। ट्रेनों में अग्निशमन यंत्र, स्मोक डिटेक्टर्स आदि भी लगें होंगे। कानपुर की मेट्रो ट्रेनें थर्ड रेल यानी पटरियों के समानान्तर चलने वाली तीसरी रेल से ऊर्जा प्राप्त करेंगी।
खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी
इसलिए इसमें खंभों और तारों के सेटअप की आवश्यकता नहीं होगी और बुनियादी ढांचा बेहतर और सुंदर दिखाई देगा।
इन ट्रेनों को अत्याधुनिक फ़ायर और क्रैश सेफ़्टी के मानकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है। हर ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे होंगे।
इनका वीडियो फ़ीड सीधे ट्रेन ऑपरेटर और सेंटर सिक्यॉरिटी रूम में पहुंचेगा। हर ट्रेन में यूएसबी मोबाइल फ़ोन चार्जिंग पॉइंट्स भी होंगे। इन्फ़ोटेन्मेंट के लिए हर ट्रेन में एलसीडी स्क्रीन या पैनल्स भी होंगे।
टॉक बैक बटन को दबाकर यात्री आपात स्थिति में ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकेंगे। यात्री की लोकेशन और सीसीटीवी का फ़ुटेज सीधे ट्रेन ऑपरेटर के पास मौजूद मॉनीटर पर दिखाई देगा।