श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद में दोनों पक्षों ने हाल की सुनवाई में अपनी स्थिति बनाए रखी।

उत्तर प्रदेश के मथुरा में जिला न्यायाधीश की अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद को लेकर एक साल पहले दायर मुकदमे में मामला दर्ज करने या याचिका खारिज करने के सवाल पर आज नई सुनवाई बुलाई है। दोनों पक्ष अपने-अपने उद्देश्यों पर केंद्रित रहे।
लखनऊ की सुप्रीम कोर्ट की वकील रंजना अग्निहोत्री समेत कई लोगों ने पिछले साल 22 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन मथुरा की अदालत में मुकदमा दायर कर दावा किया था कि श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह व्यवस्था समिति के बीच समझौता हो गया है।
अर्थात कानून के विरुद्ध है। याचिका में दावा किया गया है कि शाही ईदगाह को तोड़कर 13.37 एकड़ की पूरी संपत्ति को मूल मालिक श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट को वापस कर दिया जाएगा, लेकिन अदालत ने इस तर्क को खारिज कर दिया।
इसके बाद वह वापस जिला जज के पास गए और पुनरीक्षण याचिका दायर की। जिला न्यायाधीशों को दो बार स्थानांतरित किया गया है जबकि इस याचिका पर सुनवाई हो चुकी है।
करीब एक घंटे तक चले मामले को बेहतर ढंग से समझने के लिए नए न्यायाधीश विवेक संगल ने आज दोनों पक्षों से जानकारी मांगी। वादी के वकीलों में विष्णु शंकर जैन, हरिशंकर जैन और पंकज वर्मा शामिल थे।
व्यवस्था समिति के सदस्यों के अतिरिक्त श्री कृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के सचिव एवं श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अन्य अतिथि थे।